Sāhityālocana ke siddhāntaLakshmīnārāyaṇa Agravāla, 1949 - 302 strani |
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Zadetki 1–3 od 56
Stran 175
... उनकी रचनाओं को पाठकों की दृष्टि में हास्यास्पद सिद्ध कर स्वयं ... उनकी रचनाएँ अत्यन्त उच्च काटि की हैं । वे साहित्य के रत्न हैं ...
... उनकी रचनाओं को पाठकों की दृष्टि में हास्यास्पद सिद्ध कर स्वयं ... उनकी रचनाएँ अत्यन्त उच्च काटि की हैं । वे साहित्य के रत्न हैं ...
Stran 177
... उनके पात्रों का चरित्र - चित्रण भी बड़ा हृदयग्राही और प्रभावशाली होता है । उनकी मुख्य विशेषता है कथोपकथन का मनोरंजक ढंग । इस कला ...
... उनके पात्रों का चरित्र - चित्रण भी बड़ा हृदयग्राही और प्रभावशाली होता है । उनकी मुख्य विशेषता है कथोपकथन का मनोरंजक ढंग । इस कला ...
Stran 257
... उनके स्वर में , उनकी भावना में , उनकी व्यं- जना में कहीं भी अश्लीलता का लेशमात्र भी नहीं है । वास्तव में उनकी अनुभूतियाँ उनके हृदय के ...
... उनके स्वर में , उनकी भावना में , उनकी व्यं- जना में कहीं भी अश्लीलता का लेशमात्र भी नहीं है । वास्तव में उनकी अनुभूतियाँ उनके हृदय के ...
Pogosti izrazi in povedi
अथवा अधिक अनेक अपनी अपने अभिव्यक्ति आज आदि इन इस प्रकार इसमें इसी उनकी उनके उपन्यास उपन्यासकार उपन्यासों उस उसका उसकी उसके उसमें उसे एक एवं ऐसे ओर कर करता है करते हैं करना करने कला कला का कलाकार कवि कविता कहानी का कारण काव्य किया है किसी की की रचना कुछ के लिए के साथ केवल को कोई क्या चरित्र चाहिए चित्रण जब जाता है जाती जाय जिस जीवन की जो तक तथा तब तो था दिया दो द्वारा नहीं नहीं है नाटक ने पं० पर परन्तु पात्र पात्रों प्रकृति प्रभाव प्रयोग प्रेम प्रेमचन्द भारत भाव भावना भी मानव यदि यह या रहा रूप में लेखक वह वास्तव में विचार विषय वे श्री संस्कृत सकता सकते सत्य समाज समाजवाद सम्बन्ध साहित्य का साहित्य में सुन्दर सूरदास सृष्टि से सौन्दर्य स्थान स्पष्ट हम हमारे हमें हिन्दी में ही हुआ हृदय है और है कि हैं हो होता है होती