Sāhityālocana ke siddhāntaLakshmīnārāyaṇa Agravāla, 1949 - 302 strani |
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Zadetki 1–3 od 74
Stran 145
... उपन्यास जैसे साहित्यांग का अभाव ही है । यों तो हमारे संस्कृत के कथा - साहित्य आधुनिक उपन्यास का श्रादिस्रोत है , पर हम उसे उपन्यास ...
... उपन्यास जैसे साहित्यांग का अभाव ही है । यों तो हमारे संस्कृत के कथा - साहित्य आधुनिक उपन्यास का श्रादिस्रोत है , पर हम उसे उपन्यास ...
Stran 169
... उपन्यासों का हिन्दी में अनुवाद हो गया । डा ० रवीन्द्रनाथ ठाकुर के उपन्यासों का भी अनुवाद होने लगा । बँगला से हिन्दी में रूपान्तर ...
... उपन्यासों का हिन्दी में अनुवाद हो गया । डा ० रवीन्द्रनाथ ठाकुर के उपन्यासों का भी अनुवाद होने लगा । बँगला से हिन्दी में रूपान्तर ...
Stran 181
... उपन्यासों की रचना शुरू की और सन् १ ९ ३७ तक में उपन्यास लिखकर प्रकाशित करा दिये । उनके नाम हैं- प्रेम - पथ , मीठी चुटकी , अनाथ पत्नी ...
... उपन्यासों की रचना शुरू की और सन् १ ९ ३७ तक में उपन्यास लिखकर प्रकाशित करा दिये । उनके नाम हैं- प्रेम - पथ , मीठी चुटकी , अनाथ पत्नी ...
Pogosti izrazi in povedi
अथवा अधिक अनेक अपनी अपने अभिव्यक्ति आज आदि इन इस प्रकार इसमें इसी उनकी उनके उपन्यास उपन्यासकार उपन्यासों उस उसका उसकी उसके उसमें उसे एक एवं ऐसे ओर कर करता है करते हैं करना करने कला कला का कलाकार कवि कविता कहानी का कारण काव्य किया है किसी की की रचना कुछ के लिए के साथ केवल को कोई क्या चरित्र चाहिए चित्रण जब जाता है जाती जाय जिस जीवन की जो तक तथा तब तो था दिया दो द्वारा नहीं नहीं है नाटक ने पं० पर परन्तु पात्र पात्रों प्रकृति प्रभाव प्रयोग प्रेम प्रेमचन्द भारत भाव भावना भी मानव यदि यह या रहा रूप में लेखक वह वास्तव में विचार विषय वे श्री संस्कृत सकता सकते सत्य समाज समाजवाद सम्बन्ध साहित्य का साहित्य में सुन्दर सूरदास सृष्टि से सौन्दर्य स्थान स्पष्ट हम हमारे हमें हिन्दी में ही हुआ हृदय है और है कि हैं हो होता है होती