Sāhityālocana ke siddhāntaLakshmīnārāyaṇa Agravāla, 1949 - 302 strani |
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Zadetki 1–3 od 88
Stran 23
... उसे पढ़ेंगे और उसकी प्रशंसा भी करेंगे । परन्तु साहित्यालोचक के पास जब भी रचना समालोचना के लिए जायगी और यदि उसे भी पसन्द आ गई उसके ...
... उसे पढ़ेंगे और उसकी प्रशंसा भी करेंगे । परन्तु साहित्यालोचक के पास जब भी रचना समालोचना के लिए जायगी और यदि उसे भी पसन्द आ गई उसके ...
Stran 52
... उसे हम कला का समानार्थक नहीं कह सकते , क्योंकि कला में साहित्य या ... उसे काव्य का रूप , नाद और ध्वनि द्वारा उसे संगीत का रूप रेखाओं ...
... उसे हम कला का समानार्थक नहीं कह सकते , क्योंकि कला में साहित्य या ... उसे काव्य का रूप , नाद और ध्वनि द्वारा उसे संगीत का रूप रेखाओं ...
Stran 215
... उसे सौन्दर्यपूर्ण भी बना देते हैं , उसी प्रकार शैली हमारे ... उसे तो उसमें नीति का उपदेश दे । उसे उपदेशक बनकर अपने उद्दे श्यों कहानो ...
... उसे सौन्दर्यपूर्ण भी बना देते हैं , उसी प्रकार शैली हमारे ... उसे तो उसमें नीति का उपदेश दे । उसे उपदेशक बनकर अपने उद्दे श्यों कहानो ...
Pogosti izrazi in povedi
अथवा अधिक अनेक अपनी अपने अभिव्यक्ति आज आदि इन इस प्रकार इसमें इसी उनकी उनके उपन्यास उपन्यासकार उपन्यासों उस उसका उसकी उसके उसमें उसे एक एवं ऐसे ओर कर करता है करते हैं करना करने कला कला का कलाकार कवि कविता कहानी का कारण काव्य किया है किसी की की रचना कुछ के लिए के साथ केवल को कोई क्या चरित्र चाहिए चित्रण जब जाता है जाती जाय जिस जीवन की जो तक तथा तब तो था दिया दो द्वारा नहीं नहीं है नाटक ने पं० पर परन्तु पात्र पात्रों प्रकृति प्रभाव प्रयोग प्रेम प्रेमचन्द भारत भाव भावना भी मानव यदि यह या रहा रूप में लेखक वह वास्तव में विचार विषय वे श्री संस्कृत सकता सकते सत्य समाज समाजवाद सम्बन्ध साहित्य का साहित्य में सुन्दर सूरदास सृष्टि से सौन्दर्य स्थान स्पष्ट हम हमारे हमें हिन्दी में ही हुआ हृदय है और है कि हैं हो होता है होती