Sāhityālocana ke siddhāntaLakshmīnārāyaṇa Agravāla, 1949 - 302 strani |
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Zadetki 1–3 od 59
Stran 54
... कलाकार की अनुभूति में हमने तीन तत्त्वों का ऊपर उल्लेख किया है । वे हैं विचारतत्त्व , कल्पना - तत्त्व और भाव - तत्त्व | कलाकार अपनी ...
... कलाकार की अनुभूति में हमने तीन तत्त्वों का ऊपर उल्लेख किया है । वे हैं विचारतत्त्व , कल्पना - तत्त्व और भाव - तत्त्व | कलाकार अपनी ...
Stran 58
... कलाकार के हृदय में होता है । वह बाह्य परिस्थिति अथवा आवश्यकता या माँग के अनुकूल कला - कृति की रचना नहीं करता | कलाविद् के हृदय में ...
... कलाकार के हृदय में होता है । वह बाह्य परिस्थिति अथवा आवश्यकता या माँग के अनुकूल कला - कृति की रचना नहीं करता | कलाविद् के हृदय में ...
Stran 174
... कलाकारों का आदर करना सीखें । आज हमारा साहित्य और हमारे साहित्यकार यदि संसार के साहित्य में अपना समुचित स्थान प्राप्त करने में ...
... कलाकारों का आदर करना सीखें । आज हमारा साहित्य और हमारे साहित्यकार यदि संसार के साहित्य में अपना समुचित स्थान प्राप्त करने में ...
Pogosti izrazi in povedi
अथवा अधिक अनेक अपनी अपने अभिव्यक्ति आज आदि इन इस प्रकार इसमें इसी उनकी उनके उपन्यास उपन्यासकार उपन्यासों उस उसका उसकी उसके उसमें उसे एक एवं ऐसे ओर कर करता है करते हैं करना करने कला कला का कलाकार कवि कविता कहानी का कारण काव्य किया है किसी की की रचना कुछ के लिए के साथ केवल को कोई क्या चरित्र चाहिए चित्रण जब जाता है जाती जाय जिस जीवन की जो तक तथा तब तो था दिया दो द्वारा नहीं नहीं है नाटक ने पं० पर परन्तु पात्र पात्रों प्रकृति प्रभाव प्रयोग प्रेम प्रेमचन्द भारत भाव भावना भी मानव यदि यह या रहा रूप में लेखक वह वास्तव में विचार विषय वे श्री संस्कृत सकता सकते सत्य समाज समाजवाद सम्बन्ध साहित्य का साहित्य में सुन्दर सूरदास सृष्टि से सौन्दर्य स्थान स्पष्ट हम हमारे हमें हिन्दी में ही हुआ हृदय है और है कि हैं हो होता है होती