Sāhityālocana ke siddhāntaLakshmīnārāyaṇa Agravāla, 1949 - 302 strani |
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... काव्य के अति- रिक्त और भी अनेक ललित कलाएँ आती हैं । आचार्य रामचन्द्र शुक्ल और श्रीजयशंकर प्रसाद ने काव्य और कला , इन दोनों को भिन्न ...
... काव्य के अति- रिक्त और भी अनेक ललित कलाएँ आती हैं । आचार्य रामचन्द्र शुक्ल और श्रीजयशंकर प्रसाद ने काव्य और कला , इन दोनों को भिन्न ...
Stran 217
... काव्य है । पाश्चात्य साहित्याचार्यों के अनुसार भी वही काव्य कहलाने का अधिकारी है , जो कल्पना को जाग्रत कर अनन्त सौंदर्य की ओर मानव ...
... काव्य है । पाश्चात्य साहित्याचार्यों के अनुसार भी वही काव्य कहलाने का अधिकारी है , जो कल्पना को जाग्रत कर अनन्त सौंदर्य की ओर मानव ...
Stran 219
Rāmanārāyaṇa Yādavendu. गद्य - काव्य के लक्षण गद्य - काव्य भावना - मय गद्य - मय कविता है । उसमें भावना प्रधान स्थान रखती है । गद्य - काव्य में ...
Rāmanārāyaṇa Yādavendu. गद्य - काव्य के लक्षण गद्य - काव्य भावना - मय गद्य - मय कविता है । उसमें भावना प्रधान स्थान रखती है । गद्य - काव्य में ...
Pogosti izrazi in povedi
अथवा अधिक अनेक अपनी अपने अभिव्यक्ति आज आदि इन इस प्रकार इसमें इसी उनकी उनके उपन्यास उपन्यासकार उपन्यासों उस उसका उसकी उसके उसमें उसे एक एवं ऐसे ओर कर करता है करते हैं करना करने कला कला का कलाकार कवि कविता कहानी का कारण काव्य किया है किसी की की रचना कुछ के लिए के साथ केवल को कोई क्या चरित्र चाहिए चित्रण जब जाता है जाती जाय जिस जीवन की जो तक तथा तब तो था दिया दो द्वारा नहीं नहीं है नाटक ने पं० पर परन्तु पात्र पात्रों प्रकृति प्रभाव प्रयोग प्रेम प्रेमचन्द भारत भाव भावना भी मानव यदि यह या रहा रूप में लेखक वह वास्तव में विचार विषय वे श्री संस्कृत सकता सकते सत्य समाज समाजवाद सम्बन्ध साहित्य का साहित्य में सुन्दर सूरदास सृष्टि से सौन्दर्य स्थान स्पष्ट हम हमारे हमें हिन्दी में ही हुआ हृदय है और है कि हैं हो होता है होती