Sāhityālocana ke siddhāntaLakshmīnārāyaṇa Agravāla, 1949 - 302 strani |
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Stran 112
... चित्रण करता है । प्राचीन आचार्यो के अनुसार चरित्र चित्रण करने की तीन पद्धातियाँ हैं । ( १ ) आदर्श चरित्र - चित्रण इस प्रणाली के ...
... चित्रण करता है । प्राचीन आचार्यो के अनुसार चरित्र चित्रण करने की तीन पद्धातियाँ हैं । ( १ ) आदर्श चरित्र - चित्रण इस प्रणाली के ...
Stran 150
... चित्रण अधिक और घटनाओं का चित्रण कम होता है । उपन्यास के तत्व उपन्यास मानव - जीवन का चित्रण है । जीवन में घटनाएँ , व्यापार , मनोभाव और ...
... चित्रण अधिक और घटनाओं का चित्रण कम होता है । उपन्यास के तत्व उपन्यास मानव - जीवन का चित्रण है । जीवन में घटनाएँ , व्यापार , मनोभाव और ...
Stran 204
... चित्रण मुख्यतः चार प्रकोर से किया जाता है- ( १ ) वर्णानात्मक चित्रण- इस प्रकार के चित्रण में एक पात्र दूसरे पात्र का नाटकीय ढंग से चित्रण ...
... चित्रण मुख्यतः चार प्रकोर से किया जाता है- ( १ ) वर्णानात्मक चित्रण- इस प्रकार के चित्रण में एक पात्र दूसरे पात्र का नाटकीय ढंग से चित्रण ...
Pogosti izrazi in povedi
अथवा अधिक अनेक अपनी अपने अभिव्यक्ति आज आदि इन इस प्रकार इसमें इसी उनकी उनके उपन्यास उपन्यासकार उपन्यासों उस उसका उसकी उसके उसमें उसे एक एवं ऐसे ओर कर करता है करते हैं करना करने कला कला का कलाकार कवि कविता कहानी का कारण काव्य किया है किसी की की रचना कुछ के लिए के साथ केवल को कोई क्या चरित्र चाहिए चित्रण जब जाता है जाती जाय जिस जीवन की जो तक तथा तब तो था दिया दो द्वारा नहीं नहीं है नाटक ने पं० पर परन्तु पात्र पात्रों प्रकृति प्रभाव प्रयोग प्रेम प्रेमचन्द भारत भाव भावना भी मानव यदि यह या रहा रूप में लेखक वह वास्तव में विचार विषय वे श्री संस्कृत सकता सकते सत्य समाज समाजवाद सम्बन्ध साहित्य का साहित्य में सुन्दर सूरदास सृष्टि से सौन्दर्य स्थान स्पष्ट हम हमारे हमें हिन्दी में ही हुआ हृदय है और है कि हैं हो होता है होती