Sāhityālocana ke siddhāntaLakshmīnārāyaṇa Agravāla, 1949 - 302 strani |
Iz vsebine knjige
Zadetki 1–3 od 47
Stran 168
... ढंग के उपन्यासों का परिचय मिल गया और लेखकों को हिन्दी में इसी ढंग के मौलिक उपन्यास लिखने की प्रेरणा भी मिली । श्रीरामकृष्ण वर्मा ...
... ढंग के उपन्यासों का परिचय मिल गया और लेखकों को हिन्दी में इसी ढंग के मौलिक उपन्यास लिखने की प्रेरणा भी मिली । श्रीरामकृष्ण वर्मा ...
Stran 196
... ढंग से किया गया है- " वासवदत्ता का सौंदर्य पूर्ण चन्द्र से भी अधिक पूर्ण था । उसकी देह कमल से भी अधिक कोमल थी । उसकी वारणी वीरणा का ...
... ढंग से किया गया है- " वासवदत्ता का सौंदर्य पूर्ण चन्द्र से भी अधिक पूर्ण था । उसकी देह कमल से भी अधिक कोमल थी । उसकी वारणी वीरणा का ...
Stran 199
Rāmanārāyaṇa Yādavendu. ढंग से शिक्षा पूर्ण हो सकती है , या ऐसे रोचक ढंग से समाप्त की जा सकती हैं कि पाठक का मन बाद में भी प्रफुल्लित रहे । x x x X ...
Rāmanārāyaṇa Yādavendu. ढंग से शिक्षा पूर्ण हो सकती है , या ऐसे रोचक ढंग से समाप्त की जा सकती हैं कि पाठक का मन बाद में भी प्रफुल्लित रहे । x x x X ...
Pogosti izrazi in povedi
अथवा अधिक अनेक अपनी अपने अभिव्यक्ति आज आदि इन इस प्रकार इसमें इसी उनकी उनके उपन्यास उपन्यासकार उपन्यासों उस उसका उसकी उसके उसमें उसे एक एवं ऐसे ओर कर करता है करते हैं करना करने कला कला का कलाकार कवि कविता कहानी का कारण काव्य किया है किसी की की रचना कुछ के लिए के साथ केवल को कोई क्या चरित्र चाहिए चित्रण जब जाता है जाती जाय जिस जीवन की जो तक तथा तब तो था दिया दो द्वारा नहीं नहीं है नाटक ने पं० पर परन्तु पात्र पात्रों प्रकृति प्रभाव प्रयोग प्रेम प्रेमचन्द भारत भाव भावना भी मानव यदि यह या रहा रूप में लेखक वह वास्तव में विचार विषय वे श्री संस्कृत सकता सकते सत्य समाज समाजवाद सम्बन्ध साहित्य का साहित्य में सुन्दर सूरदास सृष्टि से सौन्दर्य स्थान स्पष्ट हम हमारे हमें हिन्दी में ही हुआ हृदय है और है कि हैं हो होता है होती