Sāhityālocana ke siddhāntaLakshmīnārāyaṇa Agravāla, 1949 - 302 strani |
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Zadetki 1–3 od 84
Stran 42
... द्वारा मनुष्य दर्शन के सहारे सत्य की प्राप्ति करता है । यह ज्ञान - मार्ग हैं | भाव सौन्दर्य शास्त्र द्वारा उसे सुन्दर के दर्शन ...
... द्वारा मनुष्य दर्शन के सहारे सत्य की प्राप्ति करता है । यह ज्ञान - मार्ग हैं | भाव सौन्दर्य शास्त्र द्वारा उसे सुन्दर के दर्शन ...
Stran 52
... द्वारा उसे संगीत का रूप रेखाओं तथा रंगों द्वारा वह उसे चित्र कला का रूप , गति द्वारा वह उसे नृत्य या अभिनय का रूप अथवा छेनी और ...
... द्वारा उसे संगीत का रूप रेखाओं तथा रंगों द्वारा वह उसे चित्र कला का रूप , गति द्वारा वह उसे नृत्य या अभिनय का रूप अथवा छेनी और ...
Stran 119
... द्वारा , फिर इंगितों द्वारा , फिर इंगितों द्वारा , और बाद में भाषा का ज्ञान हो जाने पर शब्दों द्वारा व्यक्त करता है । इस प्रकार ...
... द्वारा , फिर इंगितों द्वारा , फिर इंगितों द्वारा , और बाद में भाषा का ज्ञान हो जाने पर शब्दों द्वारा व्यक्त करता है । इस प्रकार ...
Pogosti izrazi in povedi
अथवा अधिक अनेक अपनी अपने अभिव्यक्ति आज आदि इन इस प्रकार इसमें इसी उनकी उनके उपन्यास उपन्यासकार उपन्यासों उस उसका उसकी उसके उसमें उसे एक एवं ऐसे ओर कर करता है करते हैं करना करने कला कला का कलाकार कवि कविता कहानी का कारण काव्य किया है किसी की की रचना कुछ के लिए के साथ केवल को कोई क्या चरित्र चाहिए चित्रण जब जाता है जाती जाय जिस जीवन की जो तक तथा तब तो था दिया दो द्वारा नहीं नहीं है नाटक ने पं० पर परन्तु पात्र पात्रों प्रकृति प्रभाव प्रयोग प्रेम प्रेमचन्द भारत भाव भावना भी मानव यदि यह या रहा रूप में लेखक वह वास्तव में विचार विषय वे श्री संस्कृत सकता सकते सत्य समाज समाजवाद सम्बन्ध साहित्य का साहित्य में सुन्दर सूरदास सृष्टि से सौन्दर्य स्थान स्पष्ट हम हमारे हमें हिन्दी में ही हुआ हृदय है और है कि हैं हो होता है होती