Sāhityālocana ke siddhāntaLakshmīnārāyaṇa Agravāla, 1949 - 302 strani |
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Zadetki 1–3 od 43
Stran 134
... नाटकों , हिन्दी - रंगमंच और आधुनिक नाटकों की प्रवृत्तियों पर विचारकर इस प्रसंग को समाप्त कर देंगे । हिन्दी में नाटक हिन्दी में ...
... नाटकों , हिन्दी - रंगमंच और आधुनिक नाटकों की प्रवृत्तियों पर विचारकर इस प्रसंग को समाप्त कर देंगे । हिन्दी में नाटक हिन्दी में ...
Stran 135
... नाटक बने हैं । इनमें स्वर्गीय मास्टर विश्वम्भर सहाय ' व्याकुल ' का गौतमबुद्ध- नाटक सर्वोत्तम है । यह नाटक भाषा , भाव , रस , वस्तु ...
... नाटक बने हैं । इनमें स्वर्गीय मास्टर विश्वम्भर सहाय ' व्याकुल ' का गौतमबुद्ध- नाटक सर्वोत्तम है । यह नाटक भाषा , भाव , रस , वस्तु ...
Stran 141
... नाटक की विशेषताओं पर विचार करना चाहते हैं । एकांकी नाटक तथा नाटक में अनेक मौलिक एवं महत्त्व पूर्ण भेद हैं । एकांकी नाटक नाटक से ...
... नाटक की विशेषताओं पर विचार करना चाहते हैं । एकांकी नाटक तथा नाटक में अनेक मौलिक एवं महत्त्व पूर्ण भेद हैं । एकांकी नाटक नाटक से ...
Pogosti izrazi in povedi
अथवा अधिक अनेक अपनी अपने अभिव्यक्ति आज आदि इन इस प्रकार इसमें इसी उनकी उनके उपन्यास उपन्यासकार उपन्यासों उस उसका उसकी उसके उसमें उसे एक एवं ऐसे ओर कर करता है करते हैं करना करने कला कला का कलाकार कवि कविता कहानी का कारण काव्य किया है किसी की की रचना कुछ के लिए के साथ केवल को कोई क्या चरित्र चाहिए चित्रण जब जाता है जाती जाय जिस जीवन की जो तक तथा तब तो था दिया दो द्वारा नहीं नहीं है नाटक ने पं० पर परन्तु पात्र पात्रों प्रकृति प्रभाव प्रयोग प्रेम प्रेमचन्द भारत भाव भावना भी मानव यदि यह या रहा रूप में लेखक वह वास्तव में विचार विषय वे श्री संस्कृत सकता सकते सत्य समाज समाजवाद सम्बन्ध साहित्य का साहित्य में सुन्दर सूरदास सृष्टि से सौन्दर्य स्थान स्पष्ट हम हमारे हमें हिन्दी में ही हुआ हृदय है और है कि हैं हो होता है होती