Sāhityālocana ke siddhāntaLakshmīnārāyaṇa Agravāla, 1949 - 302 strani |
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Stran 23
... परन्तु अधिकांश ने ऐसा न कर अपने किसी प्रिय पात्र , कवि या कलाकार को रचना को लोकप्रिय अथवा ' विश्व - साहित्य ' की वस्तु सिद्ध करने के ...
... परन्तु अधिकांश ने ऐसा न कर अपने किसी प्रिय पात्र , कवि या कलाकार को रचना को लोकप्रिय अथवा ' विश्व - साहित्य ' की वस्तु सिद्ध करने के ...
Stran 68
... परन्तु कवि हृदय इनके सौन्दर्य का बड़ी सूक्ष्मता से । दर्शन करता है । वह अपनी कल्पना - शक्ति तथा भावना के द्वारा उन्हें हमारे ...
... परन्तु कवि हृदय इनके सौन्दर्य का बड़ी सूक्ष्मता से । दर्शन करता है । वह अपनी कल्पना - शक्ति तथा भावना के द्वारा उन्हें हमारे ...
Stran 162
... परन्तु एक सहृदय उपन्यासकार जितनी मार्मिकता के साथ जीवन के इन दैनिक दृश्यों का चित्र खींचता है , उतना एक सामान्य व्यक्ति नहीं खींच ...
... परन्तु एक सहृदय उपन्यासकार जितनी मार्मिकता के साथ जीवन के इन दैनिक दृश्यों का चित्र खींचता है , उतना एक सामान्य व्यक्ति नहीं खींच ...
Pogosti izrazi in povedi
अथवा अधिक अनेक अपनी अपने अभिव्यक्ति आज आदि इन इस प्रकार इसमें इसी उनकी उनके उपन्यास उपन्यासकार उपन्यासों उस उसका उसकी उसके उसमें उसे एक एवं ऐसे ओर कर करता है करते हैं करना करने कला कला का कलाकार कवि कविता कहानी का कारण काव्य किया है किसी की की रचना कुछ के लिए के साथ केवल को कोई क्या चरित्र चाहिए चित्रण जब जाता है जाती जाय जिस जीवन की जो तक तथा तब तो था दिया दो द्वारा नहीं नहीं है नाटक ने पं० पर परन्तु पात्र पात्रों प्रकृति प्रभाव प्रयोग प्रेम प्रेमचन्द भारत भाव भावना भी मानव यदि यह या रहा रूप में लेखक वह वास्तव में विचार विषय वे श्री संस्कृत सकता सकते सत्य समाज समाजवाद सम्बन्ध साहित्य का साहित्य में सुन्दर सूरदास सृष्टि से सौन्दर्य स्थान स्पष्ट हम हमारे हमें हिन्दी में ही हुआ हृदय है और है कि हैं हो होता है होती