Sāhityālocana ke siddhāntaLakshmīnārāyaṇa Agravāla, 1949 - 302 strani |
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Zadetki 1–3 od 57
Stran 140
... श्री जयशंकर प्रसाद के " एक घूट " से हुआ है । प्रसादजी के बाद श्री रामकुमार वर्मा के " बादल की मृत्यु " का नाम आता है । वर्माजी ने कई ...
... श्री जयशंकर प्रसाद के " एक घूट " से हुआ है । प्रसादजी के बाद श्री रामकुमार वर्मा के " बादल की मृत्यु " का नाम आता है । वर्माजी ने कई ...
Stran 227
... श्री गुलाबराय एम ० ए ० , श्री जैनेन्द्रकुमार , श्री सियारामशरण गुप्त , श्री नन्ददुलारे वाजपेयी , श्री जगन्नाथ प्रसाद मिश्र , अज्ञेय , श्री ...
... श्री गुलाबराय एम ० ए ० , श्री जैनेन्द्रकुमार , श्री सियारामशरण गुप्त , श्री नन्ददुलारे वाजपेयी , श्री जगन्नाथ प्रसाद मिश्र , अज्ञेय , श्री ...
Stran 228
... श्री गुलाबराय जी , श्री जैनेन्द्र जी , श्री सियाराम शरण गुप्त , प्रो ० माचवे , श्री हजारी प्रसाद द्विवेदी के साहित्यिक एवं कलात्मक ...
... श्री गुलाबराय जी , श्री जैनेन्द्र जी , श्री सियाराम शरण गुप्त , प्रो ० माचवे , श्री हजारी प्रसाद द्विवेदी के साहित्यिक एवं कलात्मक ...
Pogosti izrazi in povedi
अथवा अधिक अनेक अपनी अपने अभिव्यक्ति आज आदि इन इस प्रकार इसमें इसी उनकी उनके उपन्यास उपन्यासकार उपन्यासों उस उसका उसकी उसके उसमें उसे एक एवं ऐसे ओर कर करता है करते हैं करना करने कला कला का कलाकार कवि कविता कहानी का कारण काव्य किया है किसी की की रचना कुछ के लिए के साथ केवल को कोई क्या चरित्र चाहिए चित्रण जब जाता है जाती जाय जिस जीवन की जो तक तथा तब तो था दिया दो द्वारा नहीं नहीं है नाटक ने पं० पर परन्तु पात्र पात्रों प्रकृति प्रभाव प्रयोग प्रेम प्रेमचन्द भारत भाव भावना भी मानव यदि यह या रहा रूप में लेखक वह वास्तव में विचार विषय वे श्री संस्कृत सकता सकते सत्य समाज समाजवाद सम्बन्ध साहित्य का साहित्य में सुन्दर सूरदास सृष्टि से सौन्दर्य स्थान स्पष्ट हम हमारे हमें हिन्दी में ही हुआ हृदय है और है कि हैं हो होता है होती