Sāhityālocana ke siddhāntaLakshmīnārāyaṇa Agravāla, 1949 - 302 strani |
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Zadetki 1–3 od 69
Stran 66
... सकते हैं और इसमें आपको सफलता भो मिल जाय , परन्तु आप मानवात्मा में जो धर्म - भावना है , उसका किसी प्रकार भी नाश नहीं कर सकते । आप ...
... सकते हैं और इसमें आपको सफलता भो मिल जाय , परन्तु आप मानवात्मा में जो धर्म - भावना है , उसका किसी प्रकार भी नाश नहीं कर सकते । आप ...
Stran 210
... सके , जिससे वे अपने जीवन में प्रेरणा पा सकें और अपने जीवन - सरिता की धारा ... सकते हैं । आदर्श की ओर प्रगति करने के लिए हमें अपनी शक्ति ...
... सके , जिससे वे अपने जीवन में प्रेरणा पा सकें और अपने जीवन - सरिता की धारा ... सकते हैं । आदर्श की ओर प्रगति करने के लिए हमें अपनी शक्ति ...
Stran 225
... सकता है । परिचयात्मक एवं वर्णनात्मक निबंध भी भावात्मक हो सकते हैं । हमारे विचार में साधारण निबंधों का वर्गीकरण निम्न प्रकार किया ...
... सकता है । परिचयात्मक एवं वर्णनात्मक निबंध भी भावात्मक हो सकते हैं । हमारे विचार में साधारण निबंधों का वर्गीकरण निम्न प्रकार किया ...
Pogosti izrazi in povedi
अथवा अधिक अनेक अपनी अपने अभिव्यक्ति आज आदि इन इस प्रकार इसमें इसी उनकी उनके उपन्यास उपन्यासकार उपन्यासों उस उसका उसकी उसके उसमें उसे एक एवं ऐसे ओर कर करता है करते हैं करना करने कला कला का कलाकार कवि कविता कहानी का कारण काव्य किया है किसी की की रचना कुछ के लिए के साथ केवल को कोई क्या चरित्र चाहिए चित्रण जब जाता है जाती जाय जिस जीवन की जो तक तथा तब तो था दिया दो द्वारा नहीं नहीं है नाटक ने पं० पर परन्तु पात्र पात्रों प्रकृति प्रभाव प्रयोग प्रेम प्रेमचन्द भारत भाव भावना भी मानव यदि यह या रहा रूप में लेखक वह वास्तव में विचार विषय वे श्री संस्कृत सकता सकते सत्य समाज समाजवाद सम्बन्ध साहित्य का साहित्य में सुन्दर सूरदास सृष्टि से सौन्दर्य स्थान स्पष्ट हम हमारे हमें हिन्दी में ही हुआ हृदय है और है कि हैं हो होता है होती