Sāhityālocana ke siddhāntaLakshmīnārāyaṇa Agravāla, 1949 - 302 strani |
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Zadetki 1–3 od 67
Stran 161
... हमें सत्य का दर्शन नहीं करा सकेंगी , अतः सत्य - दर्शन के लिए हमें विशुद्ध आत्मा , विमल हृदय और सत्यासत्य की निर्णायक बुद्धि की ...
... हमें सत्य का दर्शन नहीं करा सकेंगी , अतः सत्य - दर्शन के लिए हमें विशुद्ध आत्मा , विमल हृदय और सत्यासत्य की निर्णायक बुद्धि की ...
Stran 162
... हमें उनके वास्तविक जीवन की झाँकी नहीं मिलती । हममें से कितने ही उन्हें ऐसी दशा में देख दयार्द्र हो जाते हैं और कुछ नहीं तो दो आँसू ...
... हमें उनके वास्तविक जीवन की झाँकी नहीं मिलती । हममें से कितने ही उन्हें ऐसी दशा में देख दयार्द्र हो जाते हैं और कुछ नहीं तो दो आँसू ...
Stran 212
... हमें न भूलना चाहिए । " कहानी में प्रेम वच्च कायर हो । हमें यह सब कुछ है , केवल सत्य और सुन्दर 1 विश्व में प्रेम सबसे महान् शक्ति है ...
... हमें न भूलना चाहिए । " कहानी में प्रेम वच्च कायर हो । हमें यह सब कुछ है , केवल सत्य और सुन्दर 1 विश्व में प्रेम सबसे महान् शक्ति है ...
Pogosti izrazi in povedi
अथवा अधिक अनेक अपनी अपने अभिव्यक्ति आज आदि इन इस प्रकार इसमें इसी उनकी उनके उपन्यास उपन्यासकार उपन्यासों उस उसका उसकी उसके उसमें उसे एक एवं ऐसे ओर कर करता है करते हैं करना करने कला कला का कलाकार कवि कविता कहानी का कारण काव्य किया है किसी की की रचना कुछ के लिए के साथ केवल को कोई क्या चरित्र चाहिए चित्रण जब जाता है जाती जाय जिस जीवन की जो तक तथा तब तो था दिया दो द्वारा नहीं नहीं है नाटक ने पं० पर परन्तु पात्र पात्रों प्रकृति प्रभाव प्रयोग प्रेम प्रेमचन्द भारत भाव भावना भी मानव यदि यह या रहा रूप में लेखक वह वास्तव में विचार विषय वे श्री संस्कृत सकता सकते सत्य समाज समाजवाद सम्बन्ध साहित्य का साहित्य में सुन्दर सूरदास सृष्टि से सौन्दर्य स्थान स्पष्ट हम हमारे हमें हिन्दी में ही हुआ हृदय है और है कि हैं हो होता है होती