Changing values of criticism and Hindi literatureKitāba Mahala, 1967 - 612 strani |
Pogosti izrazi in povedi
अतएव अनुभूति अनुसार अन्य अपनी अपने अभिव्यक्ति अर्थ अलंकार आदि आलोचक आलोचना आलोचना के इन इस प्रकार इस बात इसका इसके इसी इसे उनका उनके उन्होंने उस उसका उसकी उसके उसे एक एवं ओर कर करके करता है करते हैं करना करने का कला कल्पना कवि काल काव्य किया है किसी की कुछ के आधार पर के कारण के लिये के साथ ही को गया है चिन्तन जर्मन जाता है जीवन जो ज्ञान तक तथा तो था थी थे दर्शन दृष्टिकोण द्वारा नहीं नाटक ने पर दृष्टिपात पूर्ण पृ० प्रक्रिया प्रदान प्रमुख प्रस्तुत भाव भाषा भी महत्त्व माध्यम मानव माना मान्यता यथार्थ में यह या ये रस रूप से वह विचार विचारों विवेचन विशिष्ट विशेष विषय वे व्यक्ति शब्द सकता है सन्दर्भ में समय सम्बन्ध साहित्य सिद्ध सिद्धान्त स्थिति स्पष्ट स्वरूप हम हमें हिन्दी साहित्य ही हुआ है और है कि हैं हो होकर होता है होती